लेखनी प्रतियोगिता -27-Dec-2022
कामियाबी में तारीफ़ें,
कोशिशों में तानो का शोर होता है।
मुसलसल कहीं किसी जगह,
मुक़ाबलों का ज़ोर होता है।
बारीक़ी से देखना भी ज़रूरी है,
जिसमें ऐब न हो ऐसा इंसान कहाँ होता है।
मुझे में, तुझ में, उस में और उस में,
कहीं भीतर एक पैग़म्बर भी होता है।
सुनता जा, चलता जा, मुस्कुराए जा,
रुकने, रूठने रोने से क्या हासिल होता है।
जो छोड़ दे पीछे ये तंज़-ओ-मज़ाह
आख़िर वही तो वली होता है।
*Anup S
डॉ. रामबली मिश्र
28-Dec-2022 07:21 PM
बेहतरीन
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सीताराम साहू 'निर्मल'
28-Dec-2022 06:14 PM
शानदार
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Abhilasha deshpande
28-Dec-2022 05:31 PM
Nice and keep it up
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